गाँधी जी बात सुनकर सफाईकर्मी के आँसू निकल गये. चिंता का यह कीड़ा उसे लगातार काटे जा रहा था जल्द ही वह सूखने लगा और एक दिन वह गुठली और छि�
गाँधी जी बात सुनकर सफाईकर्मी के आँसू निकल गये. चिंता का यह कीड़ा उसे लगातार काटे जा रहा था जल्द ही वह सूखने लगा और एक दिन वह गुठली और छि�